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प्रकाशनार्थ/प्रसारणार्थ ***********★ कर्मचारी-शिक्षक संघ -महासंघ सहित सचिवालय सेवा संघ की संयुक्त बैठक में अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित सरकारी आदेश की प्रति 29 जुलाई 2020 को पटना सहित सभी जिला मुख्यालय पर जलाने का निर्णय, ★ कोरोना के आड़ में कर्मचारियों -शिक्षकों के श्रमिक हकों पर हमला नहीं सहेंगे एवं आवश्यकतानुसार बड़े आंदोलन के लिए कर्मचारी-शिक्षक को तैयार रहने का आह्वान किया,----------------------------------------पटना/ 26-07-2020, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ , बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट ) , बिहार सचिवालय सेवा संघ एवं बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट ) ने संयुक्त बैठक कर राज्य सरकार द्वारा 50 बर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी - शिक्षक को अनिवार्य सेवानिवृति संबंधी निर्गत किए गए आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है एवं 29 जुलाई 2020 को पटना सहित सभी जिला मुख्यालयों में उक्त संकल्प की प्रति को जलाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें " कम से कम तीन माह पूर्व सूचना अथवा तीन माह के वेतन की समतुल्य राशि देकर 21 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने पर सेवानिवृत्ति की जा सकती है. समीक्षा में समय-समय पर न्यायालय के निर्णयों को भी संज्ञान में लिया जाएगा. जिन कर्मियों की उम्र जुलाई से दिसंबर माह में 50 वर्ष से ज्यादा होने वाली हो, उनके मामलों की समीक्षा समिति द्वारा उसी वर्ष जून माह में की जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग ,बिहार सरकार ने दिशानिर्देश जारी करते हुए राज्य के सभी विभागों के प्रधानों से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है." सरकार के इस पत्र पर बिहार के कर्मचारियों -शिक्षकों में तीखा आक्रोश व्याप्त है. इस मसले पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष श्री विश्वनाथ सिंह, बिहार सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष श्री बिनोद कुमार, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ( गोप गुट) के महासचिव श्री प्रेमचंद कुमार सिन्हा एवं बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट ) के महासचिव श्री नागेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने, पचास वर्ष उम्र पार कर चुके कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृति का जो फरमान जारी किया है , वह निहायत ही आपत्तिजनक है. इससे अफसरों की मनमानी बढ़ेगी और तानाशाही प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा। सरकार श्रमिक कानूनों को कमजोर कर जीहुजूरी को बढ़ावा देने की साज़िश कर रही है । अनिवार्य सेवानिवृति से संबंधित संकल्प से बिहार सरकार का घोर कर्मचारी- शिक्षक विरोधी चेहरा उजागर हो गया है. बिहार सरकार द्वारा जारी आदेश कर्मचारियों एवं शिक्षकों के संवैधानिक, वैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर सरकारी हमला बर्दाश्त के योग्य नहीं है । बिहार के कर्मचारी - शिक्षक , सचिवालय कर्मी समेत तमाम अनुबंधकर्मी - संविदाकर्मी सरकार के इस फैसले का मजबूती के साथ विरोध करने का निर्णय लिया है और 29 जुलाई 2020 को उक्त आदेश की प्रति को जलाने के साथ - साथ आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन करने की चेतावनी दी तथा इस आदेश का पूरजोर विरोध करने के लिए सभी कर्मचारी शिक्षक को तैयार रहने का आह्वान किया।प्रेमचन्द कुमार सिन्हा,महासचिवमहासंघ (गोपगुट ),09430954910बिनोद कुमार, अध्यक्ष,बिहार सचिवालय सेवा संघ,विश्वनाथ सिंह,राज्याध्यक्ष,बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघनागेन्द्र सिंह,महासचिव,बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ( गोप गुट)
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अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के National General Council Meeting में 05 सुत्री माँग यथा NPS को रद्द कर सबको पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने, ठेका संविदा-अनुबंध एवं आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने, रिक्त पदों पर नियमित बहाली करने, न्युनतम वैधानिक मजदुरी रू 21000/- देने, समान काम के समान वेतन के सवाल पर दिनांक 27/02/2020 को देशव्यापी राष्ट्रीय माँग दिवस मनाने और जिला कलक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से सम्बंधित माँग पत्र का संलेख समर्पित किया गया।
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